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जो जिया सौ बार सोच कर जिया, फिर क्यों हर बार हार का विष पिया। ना दिल तोड़ा सिर्फ जोड़ा, मां पिता ईश्वर से प्रेम का नाता नहीं था, थोड़ा। फिर ...